सामुद्रिक शास्त्र ज्योतिष विद्या की एक अहम पुस्तक है जिसमें शारीरिक अंगो, हाव-भाव, तिल-मस्सों आदि के बारें में भविष्यवाणी की गई है। इसी शास्त्र के अनुसार मानव शरीर पर बने तिल उसके स्वभाव और भविष्य के बारें में सबसे सटिक भविष्यवाणी करते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के हर अंग पर बने तिलों का अलग-अलग प्रभाव होता है जैसे गले पर तिल होना जातक के सुरीला होने की निशानी होती है तो वहीं स्त्रियों की छाती पर तिल का होने उनके पुत्रवान होने की भविष्यवाणी करता है आदि। इसी तरह शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर बने अलग-अलग वर्ण और आकार के तिलों का अपना फलादेश होता है। इन तिलों के बारें में जानकर आप यह निर्णय ले सकते हैं कि सामने वाला इंसान कैसा है और कैसा नहीं?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में शरीर द्वारा भविष्यकथन करने के कई तरीके बताए गए हैं जिनमें से एक है अंग स्फुरण या अंगों के फड़कने का अध्ययन कर भविष्यवाणी करना। मत्स्य पुराण के अनुसार, "पुरुषों के दाहिने (Right Side) अंगों का फड़कना शुभ और बाएं भाग (Left Side) का फड़कना अशुभ होता है। स्त्रियों के लिए यह विपरीत माना जाता है।" आइए जानें मानव शरीर के किस हिस्से के फड़कने से क्या संकेत मिलता है:
* सिर का फड़कना: जमीन-जायदाद की वृद्धि
* ललाट का फड़कना: स्थान की वृद्धि
* नेत्रों के समीप स्फुरण: धन प्राप्ति
* दाएं पलकों का फड़कना: युद्ध में विजय, लक्ष्य प्राप्ति का संकेत
* आंत का फड़कना: धन प्राप्ति
* नाक का फड़कना: प्रियजनों से मिलन
* निचले होंठों का फड़कना: संतान सुख की प्राप्ति
* गले का फड़कना: भोग लाभ
* सिर का फड़कना: जमीन-जायदाद की वृद्धि
* ललाट का फड़कना: स्थान की वृद्धि
* नेत्रों के समीप स्फुरण: धन प्राप्ति
* दाएं पलकों का फड़कना: युद्ध में विजय, लक्ष्य प्राप्ति का संकेत
* आंत का फड़कना: धन प्राप्ति
* नाक का फड़कना: प्रियजनों से मिलन
* निचले होंठों का फड़कना: संतान सुख की प्राप्ति
* गले का फड़कना: भोग लाभ
(नोट: उपरोक्त जानकारी मत्स्य पुराण द्वारा ली गई है। इसका कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण नहीं है।)
पुरुषों और महिलाओं (Moles on Female Body) के शरीर पर तिल का फलादेश कई जगह अलग-अलग होता है।
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